


केंद्रीय संचार एवं उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को कहा कि सेमीकंडक्टर भविष्य में भारत के लिए उसी तरह का प्रतीक होंगे जैसा आज़ादी की लड़ाई में ‘चरखा’ था। उन्होंने इसे आधुनिक युग में भारत के आत्मनिर्भर बनने की यात्रा का प्रतीक बताया। इंडिया मोबाइल कांग्रेस (IMC) 2025 में बोलते हुए सिंधिया ने कहा कि आज सेमीकंडक्टर वही भावना दर्शाते हैं जो पहले चरखा दर्शाता था – स्वदेशी और आत्मनिर्भरता। उन्होंने कहा, “भारत एक स्टार्टअप वर्ल्ड कप की मेज़बानी कर रहा है जिसमें 500 कंपनियाँ फंडिंग के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगी। देश डिज़ाइन इन इंडिया, सॉल्व फॉर इंडिया और स्केल फ्रॉम इंडिया की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है।”
सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत एक नई तकनीकी क्रांति की ओर अग्रसर है, जिसे उन्होंने ‘4D सिस्टम’ – लोकतंत्र (Democracy), जनसांख्यिकी (Demography), डिजिटल-फर्स्ट अप्रोच (Digital-first approach), और डिलीवरी (Delivery) — के रूप में परिभाषित किया। उन्होंने बताया कि प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना के तहत भारत में सेमीकंडक्टर उत्पादन पहले ही ₹91,000 करोड़ तक पहुँच चुका है, जो ‘आत्मनिर्भर भारत’ के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
सिंधिया ने कहा, “भारत की महत्वाकांक्षा केवल 5G तक सीमित नहीं है, बल्कि भारत 6G एलायंस के माध्यम से वैश्विक पेटेंट का 10 प्रतिशत योगदान देने की योजना बना रहा है।” उन्होंने यह भी बताया कि भारत का टेलीकॉम और डिजिटल विकास दुनिया के लिए उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है, जिसमें 5G कनेक्टिविटी देश के 99.9% जिलों तक पहुँच चुकी है और डेटा की कीमत दुनिया में सबसे कम – मात्र ₹9.11 प्रति GB – है।
सिंधिया ने कहा कि आज भारत में 1.2 अरब मोबाइल ग्राहक हैं, जो विश्व की मोबाइल आबादी का 20% हैं। देश के ब्रॉडबैंड उपयोगकर्ता 60 मिलियन से बढ़कर 944 मिलियन इंटरनेट ग्राहकों तक पहुँच चुके हैं। IMC 2025 में मंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत केवल तकनीक को अपना नहीं रहा है, बल्कि नवाचार, किफायती सेवाओं और समावेशिता के ज़रिए वैश्विक डिजिटल परिवर्तन का नेतृत्व भी कर रहा है।